हमें रोग क्यों होते हैं ?
जब तक हमारे शरीर में वात, पित्त, व कफ का एक प्राकृतिक विशिष्ट संतुलन रहता है, तब तक हमें रोग नहीं होते, यह संतुलन बिगड़ने पर ही हम बीमार पड़ते हैं वह यदि संतुलन कहीं ज्यादा बिगड़ जाए तो मृत्यु तक हो सकती है, बीमार होने के कारण निम्नलिखित हैं-
१) भोजन में पानी का सेवन प्राकृतिक नियमों के अनुसार न करना इस गलती के कारण शरीर में 80 प्रकार के वात रोग, 40 प्रकार के पित्त रोग व 20 प्रकार के कफ रोग उत्पन्न होते हैं |
२) भोजन दिनचर्या व रितुचर्या के अनुसार ना करना |
३) विरुद्ध आहार का सेवन |
४) रिफाइंड तेल, रिफाइंड नमक, चीनी व मैदा आदि का सेवन |
५) मिलावटी दूध, घी, मसाले तेल इत्यादि का सेवन |
६) अनाज, दालें, फल, सब्जी इत्यादि में छिड़के गए रासायनिक खाद, कीटनाशक व जंतुनाशक इत्यादि का शरीर में पहुंचना |
७) प्राकृतिक नैसर्गिक विगो को (भूख, प्यास, मल, मूत्र निष्कासन) आदि रोकना |
८) विकारों (क्रोध, द्वेष, भय, अहंकार) आदि को पनपने देना |