युवाओं हैं बढते सिरदर्द का कारण अक्सर आंखों का कमजोर होना है । आंखों के कमजोर होने के कारण रेटीना और दृष्टि से संबंधित मांसपेशियों पर अतिरिक्त खींचाव पड़ता है, जिस कारण सिरदर्द होता है । जीवनशैली में आए बदलावों के कारण से युवाओं में आँखो का कमजोर होना आम बात हो गई है । आजकल युवाओं में देर रात तक जागकर पढाई करने की आदत है । रात में पढाई करने से आंखों पर अत्यधिक जोर पड़ता है, जिस कारण देखने के लिए मसिपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है । देर रात तक टीवी देखने की आदत भी आंखों को कमजोर करती है । इसके अलावा सुबह देर से जागना, जीवनशैली से व्यायाम का हट जाना भी आंखों की रोशनी को प्रभावित करते हैं ।
जाने- 20 उपाय जो आपको तनाव से करेंगे मुक्त !
आंखों की कमजोरी से होने वाला सिरदर्द सबसे सामान्य है । डॉक्टरों के अनुसार आई साइट की कमजोरी का सिरदर्द से सीधा संबंध है । आंखें कमजोर होने से आंखों से ब्रेन की और जाने वाली ऑपटिक नर्व तनाव में रहती है । आँखो की ज्यादा एक्टिविटी की वजह से नर्व पर स्ट्रेस बढता है और सिरदर्द की शिकायत होने लगती है । कॉम्पिटिशन के इस दौर में बच्चे ऐसे उलझे हुए हैं कि अपनी तरफ ध्यान नहीं दे पा रहे । अपने आपकी अपडेट करने और फास्ट बनाने के लिए घंटों कंप्यूटर से चिपके रहते हैं | फास्ट बनने के दौड़ में उन्हें ये याद ही नहीं रहता कि इसका असर उनकी आंखों पर पड़ रहा है है इसके लक्षणों से की आसानी है पहचाना जा सकता है | लेपटोप-कंप्यूटर आदि पर काम करते समय या पढते हुए आँखो के पीछे से शुरू होकर दर्द सिर के मध्य भाग तक पहुंचता है | सिरदर्द शुरू होने से पहले आंखों में तनाव का अहसास होता है, जिसे मेडिकल भाषा में आई स्ट्रेन कहते हैं । सिरदर्द को अधिकतर लोग साधारण मानकर गंभीरता से नहीं लेते और सिरदर्द की गोली लेकर सोचते हैं कि उन्हें इससे छुटकारा मिल गया । ये दवाइयों दर्द को तो समाप्त कर देती हैं परंतु सिरदर्द के कारणों को समाप्त नहीं करतीं, इसलिए सरदर्द के कारण को जानकर उस कारण को समाप्त करना बहुत जरूरी है है | आंखों के चश्मे के नंबर में बदलाव या फिर आंखें कमजोर होने के कारण भी सिरदर्द होता है | जिन लोगो को आँखों का चश्मा न लगा हो और उन्हें सिरदर्द की शिकायत लगातार हो रही हो, तो उन्हें नेत्र विशेषज्ञ के पास जाकर आँखो को जांच करवाकर सही नंबर का चश्मा लगाना चाहिए । आज के कमप्यूटर युग में जहाँ बच्चे से लेकर वृद्ध तक कईं घंटों तक कफ्यूटर के सामने बैठे रहते हैं ऐसे में सिरदर्द एक आम .बात है । अधिक देर तक टीवी देखने से भी सिरदर्द हो सकता है ।
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जाने- सिरदर्द क्या है ओर ये क्यूँ होता है ?
क्यों होती हैं आंखें कमजोर?
- विटामिन ए को कमी से ।
- खाने-पीने पर ध्यान न देने से
- लगातार टीवी देखने व कंप्यूटर पर काम करने से
- इम्यून सिस्टम में कमजोरी होने से
- प्रदूषण की वजह
- वीडियो गेम या ज्यादा देर तक मोबाइल पर गेम खेलने
- बच्चों आर पड़ रहा ज्यादा असर
जाने- क्यो होता है सिरदर्द, कारण तथा उपचार ?
इन दिनों छोटे बच्चे भी सिरदर्द से पीडित हो रहे हैं । सिरदर्द का एक कारण मानसिक तनाव माना जाता है । इसका कारण यह है कि बच्चों के अभिभावक उनसे उनकी क्षमता से अधिक उम्मीदें लगाते है । हर अभिभावक चाहता है कि मेरा बच्चा कक्षा में प्रथम आए, जिसके चलते बच्चे लगातार किताबों या कम्पूटर में ही उलझे रहते हैं । उन्हें खेलकूद व अन्य गतिविधियों सें भाग लेने का समय ही नहीं मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी आँखे कमजोर हो जाती है । जो कि सिरदर्द की प्रमुख वजहों में से एक है । अगर किसी बच्चे की आँखों के चश्मे की जरूरत है, तो यह आवश्यक नहीं कि उस बच्चे को इस बात का अहसास हो कि उसे कम दिखाई देता है । यह संभव है कि आंखों में खराबी होने के बाबजूद भी वह ठीक से देख पा रहा हो । ऐसी स्थिति में होता यह है कि आँखों की कमी को आंखें स्वयं ही ठीक करने की कोशिश करती हैं ताकि सब कुछ साफ दिखाई दे, परन्तु इसी कोशिश की वजह से आँखे थक जाती हैं ।
यह थकान आँखों में दर्द व सिर में दर्द के रूप में प्रकट होती है । इससे बच्चे की कार्यक्षमता पर भी असर पड़ता है । इसके अलावा कुछ बच्चों में आंख की मांसपेशियों में कमजोरी होने की वजह से कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं । इस कमजोरी का असर प्राय: ऐसे बच्चों पर ज्यादा होता है, जिन्हें पास का काम ज्यादा समय तक करना पड़ता है । ऐसे में ध्यान देने लायक बात यह है कि ऐसे बच्चों को परीक्षा के दिनों में परेशानियों बढ जाती हैं । इस समस्या का इलाज है आँखो का व्यायाम, जिसे हम फ्यूजन एक्सरसाइज कहते हैं । इसे करने के लिए एक खास यंत्र की आवश्यकता होती है, जिसे सिनाप्टीफोर कहा जाता है । इस व्यायाम से यह समस्या पूर्णत: हल हो सकती है ।
जाने- कैसे करें अपने सही सरदर्द की पहचान ?
इस तरह के सिरदर्द से खुद को बचाने का सबसे सही तरीका आँखो की देखभाल करना है लेकिन यदि आपकी आंखें कमजोर हो चुकी हैं तो चश्मा या कॉन्टेक्ट लेंस ही एकमात्र उपाय है । हालाँकि आंखों के चश्मे मुक्ति के लिए लेजर ऑपरेशन भी धीरे-धीरे प्रचलित हो रहा है लेकिन इसके असर पर अभी कई नेत्र विशेषज्ञों को संदेह है | इसके अलावा व्यायाम करना, संतुलित आहार लेना, सुबह जल्दी उठना और डॉक्टर द्वारा बताईं गई आंखों की एक्सारसाइज से भी आमतौर पर होने वाले इस सिरदर्द से बचा जा सकता है । धूप में तथा तेज़ गति से चल रहे दुपहिया वाहन पर चश्मा पहन कर आँखो को किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सकता है, जो कि अंतत: आपके सरदर्द का कारण बन सकता था । इनके अलावा आप निम्न सावधानियां बरत कर भी सरदर्द से बच सकते हैं-
० साल में एक बार बच्चों की आँखो की जांच कराएं ।
० खाने में हरी सब्जी, दूध, दही आदि का सेवन करें ।
० पढाई बैठकर करें, क्योंकि लेटकर पढने से आँखे कमजोर होती हैं ।
० तेज या धीमी रोशनी में पढाई न करें ।
० टीवी को कम से कम 8 फीट की दूरी से देखें ।
० कंप्यूटर पर लगातार काम न करें ।
० दिन में 3-4 बार आँखों को ताजे पानी से धोए ।
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अन्य उपचार
होम्योपैथी, ऐलोपैथी और चिकित्सा की किसी भी दूसरी विधा में कमजोर आंखों के कारण होने वाले सिरदर्द से बचने के लिए डॉक्टर चश्मा लगाने की सलाह ही देता है। इसके अलावा आखों को आराम देने के लिए और उनकी सफाई के लिए एंटी बायोटिक आई ड्रॉप भी डॉक्टरों द्वारा प्रिस्काइब की जाती है । प्राणायाम, शवासन और स्वर्गासन ऐसे आसन हैं जिनसे आखों की रोशनी पर तेजी से प्रभाव पड़ता है और आँखों की मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं तथा इस कारण होने वाले सिरदर्द से बचाव होता है ।
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नोट- आयुर्वेद में हर तरह के सिरदर्द के लिए हर्बल तेल, औषधियुक्त दूध अथवा मक्खन को माथे या पूरे शरीर में लगाया जाता है । इस विधि को ‘धारा’ कहते हैं । यह सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए विशेष लाभकारी मानी जाती है । इस प्रक्रिया को 3 भागों में बांटा जाता है । उर्ध्वनग धारा जो कि आँखो के लिए विशेष लाभकारी होतीं है । इससे आँखो से होने वाले सिरदर्द का उपचार किया जाता है ।
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सिरदर्द का पंचगव्य उपचार
मुख्य लक्षण– सिर में दर्द होना | यह स्वतंत्र व्याधि भी है ओर कुछ व्याधियों का लक्षण मात्र भी |
मुख्य दोष– वात, पित्त, कफ
प्रभावित संस्थान– वातनाड़ी संस्थान
गौमूत्र की उपयोगिता– गौमूत्र मेधी है, इसलिए मस्तिष्कीय ज्ञान-तंतुओं को शक्ति देता है | दीपन ओर पाचन होने के कारण शरीर को बनाए रखता है | पित्त, तिक्त व उष्ण होने के कारण लाभ करके नाड़ी संस्थान तो ताक़त देने से सरदर्द को मिटाता है | नित्य गौमूत्र पीने से स्थाई रूप से सरदर्द नष्ट हो जाता है |
गौ-नस्य की उपयोगिता– देशी गाय के दूध के कण अत्यंत सूक्ष्म होने के कारण उसके घी से बना गौ-नस्य मस्तिष्क के अतिसूक्ष्म नाड़ीयों में जाकर अवरोध को दूर कर सरदर्द को मूल सहित उखाड़ फेंकता है |
[elfsight_popup id="2"]My content[elfsight_popup id="2"]मनीष भाई एक गौसेवक है | आपका एक ही लक्ष्य है, गौ सेवा के माध्यम से मानव सेवा… गौमाता के संरक्षण के लिए आपके कई प्रकल्प (जैसे- मेरी माँ) जयपुर में चल रहे है ओर अब ये स्वयं पंचगव्य चिकित्सा प्रशिक्षण देते है |
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