उपयोग : जीवामृत कृषि के लिए उपयुक्त जीवाणुओं का पोषण करता है । यह अत्यधिक प्रभावी फफूंदनाशक एवं विषाणुनाशक है । इसे छिड़कने से फफूंद तथा विषाणुओं की उत्पत्ति नियंत्रण होती है । जीवामृत के उपयोग से उपज बढ़ती है । रासायनिक खाद की अपेक्षा जीवामृत अनेक गुना श्रेष्ठ है ।
आवश्यक सामग्री : 150 से 200 लीटर क्षमता वाली प्लास्टिक की टंकी, पत्ते पीसने के लिए सिलबट्टा, मिश्रण हिलाने के लिए डंडा अर्क छानने के लिए कपड़ा अथवा छन्नी ।
घटक पदार्थ और उनकी मात्रा
- जल : 200 लीटर
- गोमूत्र : 5 से 10 लीटर
- गोमय (गोबर) : 10 किलोग्राम
- गुड : 1 किलोग्राम (कद्दूकस किया हुआ) अथवा गन्ने का रस 4 लीटर
- बेसन : 1 किलोग्राम
- बरगद के वृक्ष के नीचे की अथवा खेत की मेडकी मिट्टी : एक मुट्ठी
बनाने की विधि
- प्लास्टिक की टंकी में 200 लीटर जल भरकर उसे दिनभर छाया में रखें ।
- उसमें गोमूत्र और गोबर मिलाकर एकत्रित मिश्रण बनाएं ।
- गुड जल में घोलकर उसमें बेसन मिलाएं ।
- टंकी में रखे हुए मिश्रण में गुड़ मिश्रित जल अथवा गन्ने का रस और बेसन का मिश्रण मिलाएं ।
- टंकी का मिश्रण डंडे से अच्छे से हिलाएं ।
- टंकी का मुंह बोरे से बांध कर रखें ।
- इस मिश्रण को 72 घंटे सड़ने दें ।
- इस समय मिश्रण की वायु निकलने के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम मिश्रण को घड़ी की सुई दिशा की दिशा तथा विरुद्ध दिशा में डंडे से अच्छे से हिलाएं ।
- तत्पश्चात इस जीवामृत का उपयोग 7 दिन के भीतर करें ।
- इसे छिड़कना हो, तो छान लें
उपयोग करने की विधि
खरीफ फसल पर छना हुआ जीवामृत छिड़कने का समय और प्रति एकड़ मात्रा
छिड़काव | छिड़काव का समय | छिडके जाने वाली मिश्रण की प्रति एकड़ मात्रा |
पहला | बोने के 30 दिन उपरांत | 5 लीटर जीवामृत और 100 लीटर जल |
दूसरा | पहले छिड़काव के 20 दिन पश्चात | 10 लीटर जीवामृत और 250 लीटर जल |
तीसरा | दूसरे छिड़काव के 20 दिन पश्चात | 20 लीटर जीवामृत और 200 लीटर जल |
चौथा | जब दोनों में दूध हो | 6 लीटर खट्टी छाछ और 200 लीटर जल |
हरी सब्जियों की फसल पर चढ़ा हुआ जीवामृत छिड़कने का समय और प्रती एकड मात्रा
छिड़काव | छिड़काव का समय | छिड़काव का मिश्रण |
पहला | बोने के 30 दिन उपरांत | 5 लीटर जीवामृत और 100 लीटर जल |
दूसरा | पहले छिडकाव के 10 दिन पश्चात | 3 लीटर दशपर्णी अर्क और 100 लीटर जल |
तीसरा | दूसरे छिड़काव के 10 दिन पश्चात | 2.5 लीटर खट्टी छाछ और 100 लीटर जल |
चौथा | तीसरे छिडकाव के 10 दिन पश्चात | 10 लीटर जीवामृत और 250 लीटर जल |
पांचवा | चौथे छिड़काव के 10 दिन पश्चात | 5 लीटर दशपर्णी अर्क और 250 लीटर जल |
छठा | पांचवे छिड़काव के 10 दिन पश्चात | 5 लीटर खट्टी छाछ और 250 लीटर जल |
सातवां | छठवें छिड़काव के 10 दिन पश्चात | 20 लीटर जीवामृत और 200 लीटर जल |
आठवां | सातवें छिड़काव के 10 दिन पश्चात | 10 लीटर दशपर्णी अर्क और 200 लीटर जल |
नवां | आठवें छिड़काव के 10 दिन पश्चात | 6 लीटर खट्टी छाछ और 200 लीटर जल |
फलदार वृक्षों की आयु के अनुसार प्रतिमा प्रत्येक व्यक्ति की जड़ में जीवामृत देने की मात्रा
फल के वृक्ष की आयु | प्रतिमाह प्रत्येक वृक्ष की जड़ में जीवामृत देने की मात्रा |
आरंभ के 6 महा | 200 मि.लि. |
6 से 1 वर्ष | 500 मि.लि. |
दूसरा वर्ष | 2 लीटर |
तीसरा वर्ष | 3 लीटर |
चौथा वर्ष | 4 लीटर |
पांचवा वर्ष और उससे आगे | 5 लीटर |