सन 1996… मैने पहला विश्वकप पिताजी के साथ टीवी पर देखा… उसके पश्चात अचानक मन में क्रिकेट के प्रति मोह होने लगा… 1999 में तो खिलाड़ियों की जीवनशैली अत्यंत आकर्षित करने लगी थी… हमारी गली के अनेक युवा क्रिकेट खेलने लगे थे… सभी को सचिन का कोल्ड्रींक, जडेज़ा का स्टाइल ओर उनकी चमचमाती दुनिया आकर्षित करती थी |
ओर अभी कल ही जयपुर के अति प्रतिष्ठित क्लब मे अपने एक मित्र के युवा पुत्र को छोड़ने गया… वहाँ जाकर देखा तो अनेक छोटे-२ बच्चे वहाँ केवल ओर केवल क्रिकेट खेलना सीखने आए थे… वहाँ का वातावरण ऐसा था की जैसे फोकट मे खिलाया जा रहा हो… जबकि सभी जानते है की उस क्लब की फी ही लाखों मे होती है |
आख़िर वो कौनसी शक्ति है जो इन युवाओं को क्रिकेट खेलने को विवश करती है…कभी सोचा…??
बंद कर दो इन गौशालाओं को… नही बचेगी गाय !
सन 2002… मैं बारहवीं कक्षा पास करके निकला ही था ओर पीईटी की तैयारी कर रहा था… अनेक मित्र बन गए थे… वहाँ एक चर्चा आम होती थी… Engineering Collage मे जाकर हमें कौनसा विषय चयन करना है… अनेक घंटे चर्चा चलती पर आश्चर्यजनक रूप से लगभग सभी आईटी विषय पर एकमत हो जाते थे |
आख़िर वो कौनसी शक्ति थी जिसने हमें आईटी विषय पर एकमत होने पर बाध्य किया.. कभी सोचा…??
गाय से व्यापार क्यों कर रहे है आप ?
सन 2003… भारत मे अचानक प्रॉपर्टी मार्केट मे उछाल आता है…. कौड़ियों के भाव की ज़मीन लाखों मे हो जाती है… यह वो समय है जब बहुत ही गिने-चुने लोग प्रॉपर्टी का काम करते थे ओर दलाली के काम को समाज मे सम्मानजनक पद प्राप्त नही था | पर अचानक आई इस तेज़ी ने कुकरमुत्ते की भाँति लाखों प्रॉपर्टी के दलाल पैदा कर दिए… इसे प्रॉपर्टी डीलर ओर ब्रोकर का एक नया नाम दिया गया… ओर अचानक इसका काम करने वाले बड़ी-2 स्कार्पीओ मे घूमने लगे | समाज मे ऐसे लोगो को सम्मान प्राप्त होने लगा |
आख़िर वो कौनसी शक्ति थी जिसने रातों-रात लाखों दलाल पैदा कर दिए… कभी सोचा…??
गाय को बचाने का काम सचिन तेंदुलकर का है ?
मैने आपको यह 3 कहानियाँ क्यो सुनाई…??
हे मेरे राष्ट्र के कथित गौभक्तों…. जिस शक्ति ने इतने क्रिकेटर, IT Engineer ओर दलाल पैदा किए उस शक्ति को पहचानो… पहचानो उस शक्ति को…. क्योंकि इस घनघोर कलयुग मे केवल ओर केवल वही लाखों गौपालक भी पैदा कर सकती है… ??
ओर इस समय वह शक्ति है पैसा ओर चमचमाती जीवनशैली…
मैं व्यक्तिगत स्तर पर ऐसे अनेक कथित गौभक्तों को जानता हूँ जो किसे अन्य गौभक्त का पैसा कमाने पर विरोध करते है… वह यदि 2 रुपया ज़्यादा ले ले तो उस पर चिंघाड़ते है… अपना फन फैला कर उसे डसने का प्रयास करते है… ऐसे व्यक्ति गौभक्त नही… गौहत्यारे है… इतिहास मे इनका नाम इसी रूप मे लिखा जाएगा |
हे मूर्खाधिपतियों… अपने कान के डोचे खोल कर सुन लो… जब तक तुम गाय के माध्यम से एक सम्मानजनक जीवनशैली एक आम व्यक्ति को नही दे सकते वो तुम्हारी माता को नही ले जाएगा…. उसे तुम्हारी इस माता मे कोई रूचि नही… अरे गधो… आदमी को खुद अपना नकारा बेटा बोझ लगने लगता है ये तो फिर भी गाय है…
गव्यशाला- ग़रीबों की पाठशाला… हमें गर्व है…
यदि तुम्हे सच मे गौमाता से इतना ही प्रेम है… तो गौ से पैसे कमाने वाले युवाओं को उपर उठाओ… उनका सहयोग करो… अधिक मे खरीद लो… गधों इतने मिलकर ही एक सचिन बना दो… वो सचिन जो गौमाता का सचिन हो…
एक सचिन पूरी दुनिया को गौमां के चरणो मे लाकर पटक सकता है… तुम आपसी लड़ाई छोड़कर तो देखो यारों…
रही बात गव्यशाला की तो वह तो स्वयं भी कमाएगी ओर कमाना भी सीखाएगी… गौमाता का एक सचिन… नीचे…
[elfsight_popup id="2"]My content[elfsight_popup id="2"]मनीष भाई एक गौसेवक है | आपका एक ही लक्ष्य है, गौ सेवा के माध्यम से मानव सेवा… गौमाता के संरक्षण के लिए आपके कई प्रकल्प (जैसे- मेरी माँ) जयपुर में चल रहे है ओर अब ये स्वयं पंचगव्य चिकित्सा प्रशिक्षण देते है |
गाय माता को कसाई काट ता है उसको 7 हजार रूपए से अधिक नहीं मिलता लेकिन उसी गाय माता से इंसान लाखो कमा सकता है उसी जिंदा रखकर ये लोगो को सब गो प्रेमी को मिलकर सभित करना पड़ेगा
Reply →