घटक पदार्थ और उनकी मात्रा
- गोमूत्र चंद्रमा अर्क एक लीटर
- देसी शक्कर : 300 ग्राम देसी
- सूखी शतावरी : 50 ग्राम
शतावरी की कंद (मूल) होती है । इस पर पतली छाल होती है । छाल को निकालने के लिए नए (ताजे) कंद को एक घंटा गुनगुने पानी में रखना चाहिए । ऐसा करने से छाल सहजता से निकलती है । कंद के मध्य में तारसमान खड़ा डोर रहता है । कंद को तोड़कर यह डोरा भी निकाल दें और शतावरी के छोटे-छोटे टुकड़े कर, धूप में सुखा लें । - नींबू- सत (साइट्रिक एसिड) : आधी चुटकी
- खाने का प्राकृतिक लाल रंग : आधी चुटकी
बनाने की विधि
- लोहे की कड़ाही में अथवा स्टील के पतीले में गोमूत्र चंद्रमा अर्क और शतावरी का मिश्रण उबालें ।
- उबाल आने पर उसमें देसी शक्कर डालें ।
- मिश्रण से झाग आए, तो उस झाग को निकालकर कीटनाशक में प्रयुक्त करने के लिए रख दें ।
- यह मिश्रण 700 मिलीलीटर शेष रह जाए, तब चूल्हे से उतार दें ।
- अब इसमें आधी चुटकी नींबू का सत और आधी चुटकी खाने का प्रकृतिक लाल रंग डालकर ठीक से मिला दें ।
- मिश्रण ठंडा होने पर छानकर चीनीमिट्टी की बरनी में एक चौथाई रिक्त रखकर भरें ।
- बरनी का ढक्कन ठीक से लगा कर उसे एक माह तक अंधेरी कोठरी में अनाज की राशि में, बालू में अथवा मिट्टी में गाड दें ।
- एक माह पश्चात् बरनी का ढक्कन खोलें और औषधि ऊपर-ऊपर से धीरे से निकाल कर छान लें नीचे की तलछट औषधि में न आने दें ।
- यह बाल पाल रस कांच की बोतल में, उनका पांचवा भाग रिक्त रखकर, भर लें ।