हरियाणा वाले तो फँस गए…
ये है हमारे पंडित जी जो अभी पिछले पंचगव्य प्रशिक्षण शिविर में ही आए थे… इनके साथ इनके मित्र प्रवीण चहल ओर कवित भाई भी आए…. अब जब पंडित जी आए तो प्रथम दिवस के प्रशिक्षण के पश्चात इन्हे लगा की भाई हरियाणा वाले तो फँस गए… यहाँ आकर बहुत ग़लत निर्णय ले लिया भाई |
उसके पश्चात… किसी प्रकार दूसरा दिन भी निकल गया.. ऐसे एक-२ करके 5 दिवस पूरे होने को आए | पाँचवे दिवस जब सभी प्रतिभागियों से संवाद करने का समय आया तो हमने इनसे पूछा की पंडित जी आप बताएँ की आपको यहाँ आकर कैसा लगा..??
क्या आपने यहाँ कुछ सीखा..?? अब पंडित जी ने जो उत्तर दिया उसे आप स्वयं यहाँ देखें-
[elfsight_popup id="2"]My content[elfsight_popup id="2"]मनीष भाई एक गौसेवक है | आपका एक ही लक्ष्य है, गौ सेवा के माध्यम से मानव सेवा… गौमाता के संरक्षण के लिए आपके कई प्रकल्प (जैसे- मेरी माँ) जयपुर में चल रहे है ओर अब ये स्वयं पंचगव्य चिकित्सा प्रशिक्षण देते है |