आज की जीवन-शैली ऐसी हो गई है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में तनाव से ग्रस्त है । इसके कारण व्यक्ति के लिए जीवन एक बोझ बनकर रह गया है । बाहरी दबावों तथा भीतरी मानसिकता में तालमेल बिगड़ते ही हमें तनाव घेर लेता है । शरीर का तनाव शरीर की शक्ति को क्षीण करता है । मानसिक तनाव मन की शक्ति को और भावनात्मक तनाव आत्मा की शक्ति को क्षीण करता है और यह दोनों मिलन सिरदर्द देते हैं । यदि तनाव की स्थिति जीवन में नियमित बनी रहे तो आगे चलकर यही माइग्रेन का कारण बन जाता है । इसलिए सिरदर्द व माइग्रेन से मुक्ति पाने के लिए जरूरी है की तनाव का प्रबंधन करना और यह हम तभी कर सकते हैं जब हमें यह पता हो कि हमे तनाव किस बात का है, इसलिए तनाव प्रबंधन से पहले जरूरी है तनाव का विश्लेषण करना ।
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करें तनाव का विश्लेषण
आज के समय में कोई व्यक्ति पूर्ण रूप से तनाव मुक्त नहीं हो सकता, इसलिए यह निश्चित है कि आप भी किसी न किसी प्रकार के तनाव से अवश्य ही ग्रस्त होंगे । इसकी जांच आपको स्वयं, तथा स्वयं के लिए करनी है, इसलिए यह जांच निष्पक्ष भाव से है करें । इस बारे में जब आप स्वयं किसी के नहीं बताते हैं, तब तक इस बात का पता किसी को नहीं लगेगा, इसलिए खुले दिल से आप स्वयं का मूल्यांकन करें । विभिन्न स्थितियों में आपको तनाव की क्या स्थिति है, यह जान लेने के बाद इससे मुक्ति के उपाय आसान हो जाएँगे ।
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तनाव का विश्लेषण करें और सोचें कि फलां विषय पर मैं इतना चिंतित, तनावग्रस्त क्यों हूँ? क्या में व्यावहारिक रूप है संबंधित कार्य या समस्या को सुलझाने का कोई काम या कोशिश कर रहा हूं? या फिर बस यू ही दुखी हो रहा हूँ। यदि मैं कोई कोशिश कर रहा हूँ तो क्या वह कोशिश योजनाबद्ध है या नहीं ? मैं उस समस्या से बचने की कोशिश में लगा हूँ या उससे उबरने की कोशिश में लगा हूँ ?
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इतना सब सोच कर यह भी सोचें कि क्या कारण है कि यह काम या स्तिथि बोझ लग रही है ? फिर उन कारणों को भी लिखें जिनके कारण आप स्वयं को अनुकूल नहीं बना पा रहे हैं और तनाव को बढ़ा रहे है । जो भी कारण सामने निकल कर आएं उन पर गंभीरता से, निष्पक्षता से सोचें कि उसका जिम्मेदार कौन है, आप स्वयं या फिर कोई दूसरा ?
यदि आपके तनाव का कारण कोई दूसरा है तो आशावादी दृष्टिकोण रखते हुए उसे समझाएं, बात करें और हल निकालने को कोशिश करें, परंतु यदि यह संभव नहीं है तो स्वयं को रूपान्तरित करें और इस तरह ढाले कि परिस्थिति एवम् सामने वाले का आप पर कोई प्रभाव न पड़े और धैर्य एवं कोशिश के साथ आप इस सकारात्मक सोच से अपने उपर काम करें । सोचें कि हम किसी को नहीं बदल सकते । सिर्फ स्वयं को, स्वयं कीं सोच को विस्तार देकर अपने तनाव को कम कर सकते हैं और अपने हिस्से का सुख जुटा सकते हैं |
तनाव के विश्लेषण और स्वयं के निरीक्षण के बाद आपको अपने में या अपनी योजनाओं में जो कमी नजर आई है, उन्हें प्राथमिकतानुसार एक-एक करके पूरा करें । हाथ में ली गई किसी भी समस्या को बीच अधर में न छोडें, क्योंकि बीच में छोड़ा गया कोई भी कार्य हमको हमारे अगले कार्य को पूरा करने में तंग करता है और हमारे अंदर एक नकारात्मक विचार घर करने लगता है कि ‘मुझसे नहीं होगा या मैं नहीं कर सकता’ और फिर हम तनाव से भर जाते हैं । इस तरह से तनाव को समझकर, उसका विश्लेषण कर आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं ।
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ऐसे करें तनाव को कम
सिरदर्द व माइग्रेन का तनाव से गहरा नाता है इसलिए आपको स्वयं को तनावमुक्त रखना सीखना होगा । यधपि इस आपाधापी से भरे जीवन में आसानी से ऐसा नहीं किया जा सकता लेकिन निम्नलिखित उपायों के पालन से आप दिन-प्रतिदिन के बिखरे जीवन के बीच भी अपने मन से तनाव का बोझ हटा सकते हैं ।
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संतुलित दिनचर्या
अपने दिन की शुरुआत मॉर्निंग वॉक, या हल्की-फुल्की एक्सरसाइज या योग ध्यान से कीजिए । दिन भर में पानी जितना ज्यादा से ज्यादा पी सके, पीएं । खासतौर पर संतरे या नीबू नियमित रूप से अपने खाने में शामिल करें । दिन भर काम के बीच में हँसने-मुस्कुराने में कंजूसी न करें । न ही दिन भर कोल्हू के बैल बने रहें, बल्कि अपने दिन को इस तरह प्लान कीजिए कि आप बीच-बीच में हल्का-फुल्का संगीत सुनने, परिवार या दोस्तों के साथ गप्पे मारने या फिर अपने बच्चे या पालतू कुत्ते-बिल्ली के साथ खेलने का वक्त निकाल सकें | जब भी मौका लगे गहरी सांसें लीजिए । बेशक यह कुछ उपाय बड़े या छोटे लग सकते हैं, लेकिन यह भी सच है कि हज़ारों कदमों का फासला तय करने की शुरुआत भी पहले कदम से ही होती है ।
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नियमित व्यायाम करें
अगर आप किसी तरह के मानसिक तनाव से गुजर रहे है तो आप दवाइयां लेने के साथ एक्सरसाइज भी करें । यह आपके तनाव को काफी हद तक कम करेगा । आप रोज नियमित रूप से योग या कोई भी एक्सरसाइज करें । इसके लिए आप किसी फिटनेस एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं ।
योग में आप अनुलोम-विलोम या मेडिटेशन करें । इससे आप खुद को अंदर से फ्रेश और रिलैक्स फील करेंगे । इसके अलावा आप जॉगिंग, मॉर्निंग वॉक, बागबानी इत्यादि को भी अपना सकते हैं | शुरुआत में एकदम से ज्यादा योग या एक्सरसाइज न करें ।
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डाइट चार्ट तैयार करें
अक्सर लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या में खाने-पीने का ध्यान नहीं रख पाते हैं जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है । इन सब चीज़ों से बचने के लिए आप डायटिशियन की सलाह से अपना डायट चार्ट तैयार करें और कुछ बातों का ध्यान रखे जैसे- ब्रेकफास्ट करना कभी न भूलें और नाश्ते में दूध, दही, फ़ल और जूस जैसी चीजें लेने की कोशिश करें। भोजन में सलाद जरूर लें । जंक फूड से दूर रहने की कोशिश करें ।
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सकारात्मक सोच रखें
तनाव का सबसे बड़ा कारण है हमारी नकारात्मक सोच, जो हमें ज्यादा सोचंने पर मजबूर कर देती है और तनाव को जन्म देती है । इसलिए हमेशा पॉजीटिव थिंकिंग ही रखे । छोटी-छोटी बातों में टेंशन लेने की जगह उसे इग्नोर करने की कोशिश करें । आप हर काम को खुश होकर करें और जितना हो सकता है खुश रहें |
लाइफ स्टाइल बदलें
तनाव और टेंशन का सबसे बडा कारण होता है ओवर वर्कलोड । इससे बचने के लिए आप अपनी कार्ययोजना तैयार करें एवम् उसी अनुसार कार्य करने का प्रयास करें |
तनाव (सिरदर्द) का पंचगव्य उपचार
मुख्य लक्षण– सिर में दर्द होना | यह स्वतंत्र व्याधि भी है ओर कुछ व्याधियों का लक्षण मात्र भी |
मुख्य दोष– वात, पित्त, कफ
प्रभावित संस्थान– वातनाड़ी संस्थान
गौमूत्र की उपयोगिता– गौमूत्र मेधी है, इसलिए मस्तिष्कीय ज्ञान-तंतुओं को शक्ति देता है | दीपन ओर पाचन होने के कारण शरीर को बनाए रखता है | पित्त, तिक्त व उष्ण होने के कारण लाभ करके नाड़ी संस्थान तो ताक़त देने से सरदर्द को मिटाता है | नित्य गौमूत्र पीने से स्थाई रूप से सरदर्द नष्ट हो जाता है |
गौ-नस्य की उपयोगिता– देशी गाय के दूध के कण अत्यंत सूक्ष्म होने के कारण उसके घी से बना गौ-नस्य मस्तिष्क के अतिसूक्ष्म नाड़ीयों में जाकर अवरोध को दूर कर सरदर्द को मूल सहित उखाड़ फेंकता है |
[elfsight_popup id="2"]My content[elfsight_popup id="2"]मनीष भाई एक गौसेवक है | आपका एक ही लक्ष्य है, गौ सेवा के माध्यम से मानव सेवा… गौमाता के संरक्षण के लिए आपके कई प्रकल्प (जैसे- मेरी माँ) जयपुर में चल रहे है ओर अब ये स्वयं पंचगव्य चिकित्सा प्रशिक्षण देते है |