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    • 22 NOV 16
    क्या हो सकते सरदर्द होने के कारण ?

    स्थान एवम् मौसम परिवर्तन

    कई लोगों को सर दर्द मौसम का स्थान बदलने पर भी होता है | फिर वह किसी रिश्तेदार का घर हो या फिर होटल का कमरा । भरी बस, ट्रेन या शादी-विवाह का परिवर्तित माहौल भी सिर में दर्द देता है | यही कारण है कई लोग सफर में भी स्वयं को थका हुआ महसूस करते है |

    जगह के साथ-साथ बदलता हुआ मौसम, मौसम में खुश्की, नमी, सर्दी-गर्मी आदि भी मन को बेचैन और अशांत रखता है । किसी को गर्मी की लू कष्ट करती है तो किसी को वर्षा का चिपचिपा मौसम |

    जाने- सिरदर्द क्या है ओर ये क्यूँ होता है ?

     

    स्क्रीन के कारण

    जी ‘हाँ स्क्रीन चाहे टीवी की हो या कंप्यूटर की, मोबाइल की हो या लेपटॉप की । जो लोग जरूरत से ज्यादा स्क्रीन से चिपके रहते है देर-सबेर उन्हें सिर दर्द को समस्या हो ही जाती है । इसलिए जरूरत से ज्यादा स्क्रीन पर काम न करें और यदि यह आपनी मजबूरी है तो लगातार स्कीन के सामने न बैठें । बीच-बीच में आंखों को बंद करके या हथेलिया रखकर विराम दे | स्थान परिवर्तन करें, आँखो पर ठण्डे पानी की छोटे मारें | उन व्यायामों को करें जिनसे आपकी आंखों को राहत मिले ।

    जाने- कैसे करें अपने सही सरदर्द की पहचान ?

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    कमजोर आँखे

    आँखों का सिरदर्द से गहरा नाता है । जितना अधिक जोर आंखों पर पडेगा उतना अधिक व शीध्र सिरदर्द की सम्भावना बढेगी । इसलिए यदि आपका काम लिखने-पढ़ने, सिलाई-कढाई या कम्यूटर पर कार्य करने का अधिक है तो अपनी आंखों का विशेष ख्याल रखें । लगातार अधिक समय तक आंखों से कार्य न करें । कभी भी लेटकर न तो पढे न ही टी.वी देखे । जहाँ पर कार्य करें वहाँ पर रोशनी का सीधा संपर्क हो ताकि आंखों पर ज़ोर न पड़े । यदि आपको चश्मा लगा हुआ है तो बिना उसके कार्य न करें । जितना हों सके हर ढंग से अपनी आंखों को कमजोर होने से बचाएं वरना सिरदर्द होना लाजमी है ।

    जाने- आपके सरदर्द का कारण कमजोर आँखे तो नही ?

     

    सर्वाइकल

    पीठ हमारे मस्तिष्क का नहीं पूरे शरीर का आधार है । कार्य और अपनी जीवन शैली के कारण आजकल अधिकतर लोगों को पीठ या रीढ की हड्डी एवं गर्दन में दर्द की तकलीफ रहती है । क्योंकि यह हड्डी सिर से जुडी होते हैं, इसीलिए इसका दर्द हमारे सर में भी दर्द व बेचैनी देता है । यदि आप सिर में दर्द महसूस कर रहे हैं तो अपने सर्वाइकल की जाँच भी करवा लें | अपने लेटने-बैठने के ढंग पर ध्यान दें । जरूरत से ज्यादा एक समय पर अधिक देर तक न बैठें |  पीठ व गर्दन को काम के बीच-बीच में विराम दें । किसी विशेषज्ञ से सलाह लें तथा जिन उपायों से सर्वाइकल को दुरुस्त किया जा सकता है उन्हें अपनाएं और सिरदर्द से मुक्ति पाएँ ।

    जाने- क्यो होता है सिरदर्द, कारण तथा उपचार ?

     

    खाली पेट या अनियमित भोजन

    अधिकतर लोग सिरदर्द को सिर की ही समस्या समझते हैं । पर ऐसा नहीं है सिर दर्द का कारण गैस भी हो सकता है । जिस तरह के लोगों की आजकल जीवन शैली है, ख़ान-पान, रहन-सहन व दिनचर्या है उनमें गैस की समस्या आम है । फिर टाइम-गैर टाइम खाना हो या सोना-जागना | फास्ट फूड हो या लगातार बैठे रहने का कामं । किसी को खाने की फ़ुर्सत नही है तो कोई खाना छोड़कर पतले होने मे जुटा है | किसी को परीक्षा की टेंशन में भूख नही है तो कोई प्यार-मोहब्बत में अपनी भूख उड़ा बैठा है |भोजन की यह अनियमितता व खाली पेट रहना गैस की मुख्य जड़ है जो यदि सिर में चढ जाए तो भारी पीड़ा देती है । इसलिए हो सके तो खाली पेट रहने से बचें, भोजन समय पर लें व समय पर सोए व जागे ।

    जाने- सिरदर्द में क्या खाना चाहिए ओर क्या नही ?

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    सिर पर चोट

    कई बार चोट के बाहरी घाव भर जाते हैं पर वह भीतर अपना असर छोड़ जाती हैं या कई बार हमें गुप्त चोट लगती है जिनके चाहर कोई परिणाम नहीं होते पर शरीर के अंदर उनके लक्षण पाए जाते हैं । कई बार कोई चोट, धक्का या टक्कर ऐसी भी होती है जिसका असर मस्तिष्क पर पड़ता है विशेषतौर पर बचपन में । बच्चे का सर के बल ऊँचाई से गिर जाना या चोट लग जाना । या कभी खेल…खेल में तेज बॉल इत्यादि लग जाना भी भविष्य में सिर दर्द का कारण बन सकता है । यह किसी एक्सीडेंट के कारण भी संभव है । इसलिए यदि अपको ऐसा लगे तो अपने सिर की जांच कराएं कि भीतर कोई पुरानी गहरी चोट तो नहीं जिसका असर सिर दर्द के रूप में उभर रहा है ।

    जाने- सिरदर्द दूर करने वाले 10 पेय पदार्थ

     

    सर्दी या गर्मी लग जाना

    भले ही यह दर्द मौसमी होता है पर मौसम में इसका पता नहीं चलता । अक्सर तेज ठण्ड में खुले सिर के कारण उसमें ठण्ड बैठ जाती है जो बाद में सिर में तकलीफ देती है । ऐसे ही गर्मियों में तेज धूप में नंगे सिर घूमने से सिर में गर्मी -जकड़ जाती है जो बाद में समय-असमय आपको सिरदर्द भी देती है । इसलिऐ सर्दी हो या गर्मी अपने सिर को ढक कर रखें । सर्दियों में गीले सिर को लेकर बाहर न निकलें । गर्मियों में सिर पर टोपी पहने या छतरी का इस्तेमाल करें । जितना हो सके लू के थपेडों से बचें । साथ ही सर्द-गर्म से बचें यानी बाहर से आकर सीधे एसी के सामने न बैठें और न ही सर्दियों में एक दम रजाई या रूम हीटर से निकलकर नंगे सिर बाहर निकलें । दोनों ही स्थिति में सिर दर्द की संभावना बढ़ जाती है ।

    जाने- क्या साइनस भी दे सकता है सरदर्द ?

     

    सरदर्द का उपचार

    ⁠⁠⁠गौ नस्य

    मुख्य लक्षण– सिर में दर्द होना | यह स्वतंत्र व्याधि भी है ओर कुछ व्याधियों का लक्षण मात्र भी |

    मुख्य दोष– वात, पित्त, कफ

    प्रभावित संस्थान– वातनाड़ी संस्थान

    गौमूत्र की उपयोगिता– गौमूत्र मेधी है, इसलिए मस्तिष्कीय ज्ञान-तंतुओं को शक्ति देता है | दीपन ओर पाचन होने के कारण शरीर को बनाए रखता है | पित्त, तिक्त व उष्ण होने के कारण लाभ करके नाड़ी संस्थान तो ताक़त देने से सरदर्द को मिटाता है | नित्य गौमूत्र पीने से स्थाई रूप से सरदर्द नष्ट हो जाता है |

    गौ-नस्य की उपयोगिता– देशी गाय के दूध के कण अत्यंत सूक्ष्म होने के कारण उसके घी से बना गौ-नस्य मस्तिष्क के अतिसूक्ष्म नाड़ीयों में जाकर अवरोध को दूर कर सरदर्द को मूल सहित उखाड़ फेंकता है |

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