कमरा व ऑफीस
सिर दर्द का मुख्य कारण आँवसीजन का मस्तिष्क तक न पहुंचना है । इसके लिए लम्बी गहरी सांस लेना जितना अनावश्यक है उससे कहीं ज्यादा जरुरी है खुला वातावरण या घर-आँफिस में सही रोशनदान यानी वेंटिलेशन | यदि कक्ष मैं कहीं कोई रोशनदान नहीं है तो हवा को ताजा व स्वच्छ होने का मौका नहीं मिलेगा । ऊपर से कक्ष में रहने वाले सदस्यों की या कर्मचारियों की हवा व सांसें । उससे कक्ष में कइर्बन डष्ट्रअंविसाइड की वृद्धि होगी जो वातावरण नकारात्मक व अशुद्ध बनाएगी | श्वास लेने में समस्या होगी, बैचेनी व सिर भारी रहेगा । ऐसा न हो इसके लिए कमरों को खिड़कियों को खोलकर रखें’ । यदि यह संभव नहीं है तो कमरों में रोशनदान की व्यवस्था करें साथ ही साथ हो सके तो आँगन या छत पर जाकर खुली हवा लें, गहरी लंबी सांस लें और मस्तिक में अक्सिज़न जाने दे ताकि सिरदर्द से आप बच सकें ।
जाने- सिरदर्द क्या है ओर ये क्यूँ होता है ?
संपर्क करें | निशुल्क चिकित्सा परामर्श | सरदर्द | अनिद्रा | माईग्रेन |
ध्वनी प्रदूषण
शोर चाहे ट्रैफिक का हो या मशीनों का, जरूरत से ज्यादा हैड फोन का इस्तेमाल करना या लोगों से फोन पर घण्टों…घण्टों लगे रहना, यहां तक कि सुनने के साथ-साथ जरूऱत् से ज्यादा बोलना-चिल्लाना भी सिरदर्द का एक प्रमुख कारण है । इसलिए अत्यधिक शोर के माहौल से बचें । कम से कम हेडफोन का इस्तेमाल करें । फोन पर जरूरत से ज्यादा समय व्यतीत न करें । यदि आप संगीत व फिल्मों के शौकीन हैं तो उनकी आवाज को कम करके सुनें | हमेशा कानों में मोबाइल की लीड लगाकर न रखें । तेज शोर से बचें ।
जाने- क्या हो सकते सरदर्द होने के कारण ?
भय
भय का भी सिर दर्द से गहरा नाता है । फिर भय परीक्षाओं का हो या मृत्यु का । किसी इंसान का हो या किसी बात अथवा झूठ के खुलने का जो भी इंसान जिस भी कारण है भयभीत रहेगा वह अंदर से उतना ही बैचेन, अशांत व तनाव से भरा होगा । जिसके कारण मन-मस्तिष्क पर दबाव जैसा रहेगा । और यही दबाव सिर में दर्द रखेगा । इतना ही नहीँ अकेलेपन और असुरक्षा का भाव भी इंसान को मानसिक तनाव देता है जिसके चलते सिरदर्द बना रहता है ।
जाने- कैसे करें अपने सही सरदर्द की पहचान ?
मन की बात मन में रखना
मन का मस्तिष्क से सीधा नाता है दुखी और उदासमन भी सिर दर्द का एक मुख्य कारण होता है । अपने दिल की बात अपने मन में रखना । कभी किसी के न कहना एक तनाव पैदा करता है । इसलिए हो सके तो मित्र बनाए उनसे दिल को बातें शेयर करें! डायरी लिखे, किसी रचनात्मक कार्य से जुड़े ताकि मन हल्का हो सके, वरना मन की बात मन में रखने से सिर दर्द होगा । और यदि यह स्थिति लम्बी बनी रहती है तो सिर दर्द की समस्या गम्भीर भी बन सकती है ।
जाने- सिरदर्द को दूर करने के 11 घरेलू नुस्खे
रक्तचाप की समस्या
जैसी आजकल के लोगों की दिनचर्या व जीवन शैली है उसमें बीपी की समस्या आम है । क्योंकि रक्त शरीर का मुख्य अंग है इसलिए इसकी गति का मानव जीनों व उसके मस्तिष्क पर विशेष प्रभाव पडता है फिर वह उच्च हो या निम्न । इसकी स्थिति से गुस्सा, चिड़चिड़ापन, निराशा, थकावट, बैचेनी आदि पैदा होते है जो हमॅ तनाव व सिर दर्द भी देते हैं । साथ ही जिन लोगों को यौवन में शारीरिक क्रियाएँ कम और बैठने के कार्य अधिक होते हैं उन्हें भी सिर दर्द की शिकायत होने लगती है क्योंकि बैठे रहने से रक्त शरीर में ठीक से प्रवाहित नहीं होता । सिर में दर्द न हो इसके लिए शरीर में रक्त संचालन ठीक से होना चाहिए । जितना रक्त नसों में ठीक से प्रवाहित होगा मन-मस्तिष्क उतना ही स्वस्थ और शांत होगा और हम सिर दर्द से बचे रहेंगे ।
जाने- क्या गैस भी हो सकती है सरदर्द का कारण
संपर्क करें | निशुल्क चिकित्सा परामर्श | सरदर्द | अनिद्रा | माईग्रेन |
काम का तनाव
काम घर का हो या दफ्तर का । जरूरत से ज्यादा काम करना, बिना रुके काम करना, एक समय पर एक से ज्यादा कार्य वरना, बिना मन के काम करना या बेमन से लोगों के साथ मिलकर काम करना, काम के वक्त अन्य कार्यों को सोचना आदि हमारे सिर दर्द के आम कारण है । अगर हम गौर करें तो यही पाएंगे कि कोई या तो अपने काम से खुश नहीं है तो कोई अपने बॉस या सहकर्मचारियों से । काम व जिम्मेदारियाँ नियमित बोझ हमें तनाव व सिर दर्द से घेरे रखता है । इसलिए अपने काम व जिम्मेदारियां उनकी प्राथमिकता अनुसार वर्गीकृत करें तथा एक-एक करके पूरा करें । प्रयास करें की एक समय पर ही कार्य करें व जिस कार्य को शुरू करें उसे पूरा करें । सहयोगियों एवं माहौल के साथ-साथ तादात्म्य साधे या तो अपनी पसंदानुसार काम करें या फिर जो कार्य अपको करने को मिला है उसमें अपनी प्रसन्नता ढूँढें, कोई भी कार्य बेमन से बोझ समझकर न करें ।
जाने- कही आपके सरदर्द का कारण तनाव तो नही ?
कम व अधूरी नींद
कभी-कभार की बात हो तो और बात है परंतु रोज-रोज की अधूरी नींद शरीर में थकावट, सिर में दर्द तथा हमारे रक्त चाप को भी प्रभावित करती है । जब हम सोते हैं तो हमारी माँस-पेशियाँ शिथिल हो जाती है तथा उनको कार्य करने हेतु पुन: ऊर्जा प्राप्त हो जाती है, यही कारण है कि डॉक्टर हर रोगी को औषधि देने के साथ-साथ विश्राम की तथा सोने की राय भी देता । इतना ही नहीं किसी बड़ी शल्य-चिकित्सा के बाद रोगी जितना अधिक सोता है उतना शीध्र ठीक होता है । सोने से शरीर की सारी नसों को आराम मिलता है तथा भीतरी व बाहरी अंग भी अपने लिए उर्जा जुटा पाते है । इसलिए स्वस्थ दिमाग के लिए जरूरी है अच्छी गहरी नींद । उदाहरण के लिए परीक्षा के दिनों में कई छात्रों को लगता है कि वो पूरी रात जागकर अगर ज्यादा पढाई करेंगे तो अच्छे नंबर आएंगे परंतु ऐसा नहीं है । ज्यादा थकने की वजह से हमारी मांसपेशियां कमजोर होती है । उसमें तनाव उत्पन्न होता है जो हमारे सिर दर्द का कारण बन जाता है | इसलिए बाघा उत्पन्न करता है, इस कारण से हमें नींद सदा पूरी करनी चाहए । यदि किसी कारणवश नींद पूरी नहीं हो पाईं है तो अगले दिन या जब भी समय मिले उसे अवश्य पूरी कर लें ताकी सिर दर्द से निजात मिल सके ।
जाने- क्या साइनस भी दे सकता है सरदर्द ?
तेज गंध
कईं लोगों में सिर दर्द तेज गंध के कारण भी हो जाता है फिर वो अच्छी हो या बुरी । कईं बार अच्छी से अच्छी सुगंध भी लोगों के सिर में इतनी चढ़ जाती है कि सिर दर्द होने लगता है तो वहीं दूसरी और किसी को सिगरेट-शराब को या पसीने की दुर्गध आदि सिर में दर्द कर देती है । यदि आपका सिर दर्द भी इन्हीं कारणों से होता है तो ऐसे वातावरण एवं लोगों से दूर रहें जिनकी गंध आपको सिर दर्द देती हो ।
जाने- सिरदर्द को दूर करने के 11 घरेलू नुस्खे
संपर्क करें | निशुल्क चिकित्सा परामर्श | तनाव | खर्राटे | नजला |
हारमोन में परिवर्तन
आयु के साथ-साथ हमारे शरीर एवं हार्मोंन्स में भी परिवर्तन होता रहता है जिसका प्रभाव हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मन मस्तिष्क पर भी पड़ता है यह हार्मोन्स हमें चिडचिडा तो कभी क्रोधी भी बना देते हैं । इन रासायनिक बदलावों के कारण मन तनाव से भी घिरने लगता है जिसके कारण हमें सिर दर्द भी होता है । महिलाओं में मासिक धर्मं के वक्त सिर दर्द एवं चिड़चिड़े पन को आम देखा जा सकता है ।
जाने- सिरदर्द दूर करने वाले 10 पेय पदार्थ
अत्यधिक दवाओं का सेवन
कईं लोगों के सिर दर्द का कारण उनके विभिन्न रोग व उपचार में ली जाने वाली विभिन्न दवाएं भी होती हैं । जो लोग काफी लंबे समय से किसी रोग ’का शिकार होते है या दवाइयों का सेवन कर रहे होते हैं उनकी तासीर के दुष्प्रभाव के कारण भी वे सिर दर्द के व सिर में भारीपन के शिकार हो जाते हैं । कुछ लोग यदि बिना डॉक्टर की सलाह के तो दवाई ले लेते है तो कुछ लोग चल रही दवाई को बिना डॉक्टर की राय के बंद कर देते हैं । गलत दवाइयों के कारण या जरूरत से अधिक दवाई लेने के कारण भी लोग सिरदर्द का शिकार हो जाते है |
जाने- आपके सरदर्द का कारण कमजोर आँखे तो नही ?
अपने विपरीत जीना
कईं लोग ऐसे भी है जो जीना ही नहीं चाहते या फिर हर पल ऐसे कार्यों में उलझे रहते हैं जिनको वे करना नहीं चाहते । फिर वह उनका व्यवसाय हो या व्यापार । ऐसे में उन्हें न केवल अपना हर पल, हर दिन बोझ लगता है बल्कि ऐसे लोग जिनके विपरीत लोगो को खुश रखना उनकी मजबूरी होती है उनके तनाव व सिरदर्द को बढाता है ।
जाने- 25 मंत्र जो तनाव का करेंगे समूल नाश
सरदर्द का उपचार
मुख्य लक्षण– सिर में दर्द होना | यह स्वतंत्र व्याधि भी है ओर कुछ व्याधियों का लक्षण मात्र भी |
मुख्य दोष– वात, पित्त, कफ
प्रभावित संस्थान– वातनाड़ी संस्थान
गौमूत्र की उपयोगिता– गौमूत्र मेधी है, इसलिए मस्तिष्कीय ज्ञान-तंतुओं को शक्ति देता है | दीपन ओर पाचन होने के कारण शरीर को बनाए रखता है | पित्त, तिक्त व उष्ण होने के कारण लाभ करके नाड़ी संस्थान तो ताक़त देने से सरदर्द को मिटाता है | नित्य गौमूत्र पीने से स्थाई रूप से सरदर्द नष्ट हो जाता है |
गौ-नस्य की उपयोगिता– देशी गाय के दूध के कण अत्यंत सूक्ष्म होने के कारण उसके घी से बना गौ-नस्य मस्तिष्क के अतिसूक्ष्म नाड़ीयों में जाकर अवरोध को दूर कर सरदर्द को मूल सहित उखाड़ फेंकता है |
[elfsight_popup id="2"]My content[elfsight_popup id="2"]मनीष भाई एक गौसेवक है | आपका एक ही लक्ष्य है, गौ सेवा के माध्यम से मानव सेवा… गौमाता के संरक्षण के लिए आपके कई प्रकल्प (जैसे- मेरी माँ) जयपुर में चल रहे है ओर अब ये स्वयं पंचगव्य चिकित्सा प्रशिक्षण देते है |
Please send me adress of training center in maharashtra
Reply →in reply to Dasharath patil
भाई, जानकारी के लिए कृपया आप 9928087811 पर दूरभाष करें |
Reply →