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गुणवत्ता से कोई समझौता ना करते हुए शरद पूर्णिमा की रात्रि को बनाई गई नेत्रोषधि
जैसा की आप सभी जानते है की हमारा ध्येय है की गौमाता और उसके विज्ञान की समाज मे पुर्नस्थापना करना… जो की इस कलयुग मे गाय को विज्ञान ओर धन से जोड़े बिना संभव नही है… पर गाय को विज्ञान से जोड़ भी दें तो बात आ जाती है परिणाम पर.. ओर परिणाम गुणवत्ता के बिना आता नही… तो गुणवत्ता पर ध्यान देना गौमाता को बचाने के लिए अति महत्वपूर्ण है |
इसी गुणवत्ता को ध्यान मे रखते हुए इस शरद पूर्णिमा को विशेष ग्रह नक्षत्रों में गुरुकुल में शिष्यों के साथ पूरी रात्रि जाग कर नेत्रौषधि का निर्माण किया गया… संलग्न चित्र में देखें की कैसे हमारे शिष्यों को हमने पूरी रात्रि परिश्रम करवाया… चित्र मे उंघते हुए छात्र…. 🙂
विशेष बात यह है कि आँच इतनी हो की औषधि उबलनी नही चाहिए… ओर इसे बनाना है कंडे पर… अब कंडे पर आँच नियंत्रित करना अत्यंत दुष्कर कार्य है… इसी के साथ औषधि के लिए विशेष प्रकार के शहद ओर गुलाबजल को ढूँढना भी सरल नही है….
खैर… गुणवत्तापूर्ण औषधि का मूल्य भी हम गुणवत्तापूर्ण ही रखते है | इसीलिए इस औषधि का मूल्य हमने 150 रखने का निर्णय किया है | वैसे तो बाज़ार मे आपको 50 रुपये मे भी नेत्रौषधि मिल जाएगी पर मेरा मानना है श्रेष्ठ उत्पाद के लिए कोई भी व्यक्ति उचित मूल्य देता ही है… फिर हल्के स्तर के उत्पाद निर्माण करने से गौमाता की प्रतिष्ठा को भी धक्का लगता है | ओर यही हम नही चाहते है… कम बनाओ पर अच्छा बनाओ… यही सिद्दान्त हम गव्यशाला मे शिष्यों को भी सिखाते है |
औषधि के लाभ- नेत्र से संबंधित किसी भी रोग में रामबाण का कार्य करती है ओर चश्मा हटाने मे प्रचंड लाभकारी है |
टिप्पणी- जिस व्यक्ति ने अपने नेत्रों का ऑपरेशन करवाया हो वह इसे कम से कम एक वर्ष तक प्रयोग ना करे
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नेत्रौषधि बनाने की विधि यहाँ देखें
२०१८ में शरद पूर्णिमा २३ अक्तूबर रात्रि १०:३६ से आरंभ होकर २४ अक्तूबर रात्रि १०:१४ तक रहेगी | अत: आप २३ की रात्रि, २४ की सुबह एवम् रात्रि एवम् २५ की सुबह का गौमूत्र नेत्र औषधि बनाने के काम में ले सकते है |
चमत्कार, गौमाता से 50000 रुपया प्रतिमाह कमाता है ये लड़का
तो आओ… अब तो गाय से पैसा कमाना सींखे…
[elfsight_popup id="2"]My content[elfsight_popup id="2"]मनीष भाई एक गौसेवक है | आपका एक ही लक्ष्य है, गौ सेवा के माध्यम से मानव सेवा… गौमाता के संरक्षण के लिए आपके कई प्रकल्प (जैसे- मेरी माँ) जयपुर में चल रहे है ओर अब ये स्वयं पंचगव्य चिकित्सा प्रशिक्षण देते है |
Presehtly I have one gir cow and doing natyral farming with cow dubg and muta.
Reply →in reply to Mahendra Parmar
भाई, आप अभी प्राकृतिक कृषि मे क्या कर रहे है एवम् गाय का क्या उपयोग ले रहे है ?
Reply →मेरे को पचगवय चिकतसा सिखनी है किरपा करके आप मेरी मदद करे मै विष मुकत खेती करता हु मै गोपलक हू
Reply →in reply to वेद दाबडा
वेद भाई,
पंचगव्य चिकित्सा सीखाने के लिए हम समय-2 पर 5 दिवसीय पंचगव्य प्रशिक्षण शिविर एवम् मास्टर डिप्लोमा इन पंचगव्य शिविर का आयोजन करते है |
अभी अगला शिविर 10 नवंबर से आरंभ है | आपका स्वागत है
अधिक जानकारी के लिए आप 9928087811 पर दूरभाष कर सकते है |
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